You may become blind after cataract operation | मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद हो सकते हैं दृष्टिहीन: कैटेरेक्ट सर्जरी में फंगस इंफेक्शन का खतरा; डायबिटीज, कमजोर इम्यूनिटी, लापरवाही महंगी पड़ सकती है

नई दिल्ली54 मिनट पहले

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आमतौर पर 50 की उम्र के बाद आंखों में मोतियाबिंद की समस्या शुरू हो सकती है। लेकिन हमारे देश में लापरवाही और आर्थिक तंगी के कारण कई लोग मोतियाबिंद की सर्जरी नहीं करा पाते। इससे अंधेपन की समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है।

मोतियाबिंद सर्जरी कराने के दौरान और उसके बाद की गई लापरवाही के कारण भी आंखों की रोशनी जा सकती है। जानकारी न होने और लापरवाही के कारण कई लोग सर्जरी के बाद आंखों की सही देखभाल नहीं करते। इससे फंगल इंफेक्शन की आशंका बढ़ जाती है और कई केसेस में आंखों की रोशनी तक चली जाती है।

मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान और उसके बाद आंखों की देखभाल के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है? रांची के सत्या आई एंड ईएनटी केयर के आई सर्जन डॉ. वत्सल लाल बता रहे हैं मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान और उसके बाद आंखों की देखभाल करने के जरूरी नियम।

मोतियाबिंद क्या है?

मोतियाबिंद होने पर आंखों के लेंस पर क्लाउड जैसा बनने लगता है। इसके कारण धुंधला नजर आने लगता है। मोतियाबिंद होने पर व्यक्ति को रोज के नॉर्मल काम करने जैसे गाड़ी चलाने, अखबार पढ़ने में दिक्कत होने लगती है। अंधेपन से बचने के लिए मोतियाबिंद की सर्जरी करना ही एकमात्र उपाय है।

मोतियाबिंद सर्जरी क्यों जरूरी?

मोतियाबिंद को प्राकृतिक रूप से ठीक नहीं किया जा सकता। इसके लिए सर्जरी ही एक मात्र उपाय है। मोतियाबिंद होने पर आंखों की सर्जरी न कराने से अंधेपन की स्थिति आ सकती है। भारत में ब्लाइंडनेस बढ़ने का एक प्रमुख कारण मोतियाबिंद है।

मोतियाबिंद होने पर अंधेपन से बचने के लिए घर के बड़े-बुजुर्गों को जब भी यह समस्या शुरू हो तो तुरंत आई सर्जन के पास जाएं और उनकी मोतियाबिंद की सर्जरी करा लें।

सर्जरी के बाद क्यों होता है फंगल इंफेक्शन?

मोतियाबिंद सर्जरी के बाद कुछ लोगों को फंगल इंफेक्शन हो जाता है। सही समय पर इसका इलाज न कराने पर आंखों में अंधापन भी छा सकता है। मोतियाबिंद सर्जरी के बाद फंगल इंफेक्शन की दो वजहें हो सकती हैं- एक सर्जरी के दौरान आई सर्जन द्वारा गंदे उपकरणों का इस्तेमाल करना और हाइजीन का ध्यान न रखना।

दूसरा कारण है- सर्जरी के बाद आंखों की सही देखभाल न करना, सफाई का ध्यान न रखना, समय पर आंखों पर दवाई न डालना। इन सबसे बचने के लिए मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान और उसके बाद कुछ समय तक आंखों की सही विशेष देखभाल करें। सर्जरी के बाद आंखों में दर्द हो या धुंधला दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से चेकअप कराएं। डायबिटीज और कैंसर रोगी को मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान आंखों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आंखों की देखभाल

मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आंखों की विशेष देखभाल बेहद जरूरी है। सही देखभाल न करने या लापरवाही के चलते आंखों की रोशनी भी जा सकती है।

सफाई का ध्यान रखें

आंखें हमारे शरीर का बहुत ही नाजुक अंग हैं। इसकी खास देखभाल बेहद जरूरी है। उम्र बढ़ने पर आंखों पर मोतियाबिंद की समस्या शुरू हो जाती है। आंखों की रोशनी बचाए रखने के लिए मोतियाबिंद की सर्जरी कराना बहुत जरूरी है और सर्जरी के बाद आंखों का बहुत ज्यादा ध्यान रखना होता है।

मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आंखों की सफाई का ध्यान न रखने पर फंगल इंफेक्शन हो सकता है, जिससे आंखों की रोशनी तक जा सकती है। गंदे हाथों से आंखें बिल्कुल भी न छूएं। अच्छी तरह धोने के बाद ही हाथों को आंखों पर लगाएं। तकिया-चद्दर भी एकदम साफ रखें। गंदे तकिया-चद्दर के इस्तेलाल से इंफेक्शन हो सकता है।

नहाते समय लापरवाही से बचें

मोतियाबिंद सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक सिर पर पानी डालने के लिए साफ मना किया जाता है। ऐसा करने से आंखों को भारी नुकसान हो सकता है इसलिए सर्जरी के बाद सिर पर पानी बिल्कुल न डालें।

आई ड्रॉप समय पर डालें

मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आंखों में बार बार आई ड्रॉप डालने के लिए कहा जाता है। ऐसा न करने पर आंखों की रोशनी को नुकसान पहुंच सकता है। सर्जरी के बाद डॉक्टर के बताए अनुसार आंखों में समय समय पर आई ड्रॉप जरूर डालें।

काला चश्मा लगाना न भूलें

मोतियाबिंद सर्जरी के बाद डॉक्टर काला चश्मा लगाने की सलाह देते हैं। इससे आंखें धूल-मिट्टी, प्रदूषण और गंदगी से बची रहती हैं। सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक आंखों पर काला चश्मा लगाकर रखें। साथ ही चश्मे की सफाई पर भी ध्यान दें ताकि आंखों को किसी भी तरह का कोई नुकसान न हो।

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