4 मिनट पहलेलेखक: आकाश खरे
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18 OTT प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट दिखाने के चलते बैन लगा दिया गया है। सरकार के इस कदम के साथ ही एक बार फिर से OTT पर स्ट्रीम किए जाने वाले कंटेंट को लेकर बहस छिड़ गई है। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि OTT पर पोर्न कंटेंट का जाल किस तरह फैला। इसका सोसाइटी पर कैसा असर पड़ता है और साथ ही बताएंगे कि OTT प्लेटफॉर्म्स की मॉनिटरिंग कैसे की जाती है…
जानिए किस तरह फैला ओटीटी पर सॉफ्ट पोर्न का जाल…
theglobalstatistics.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2024 तक तकरीबन 45 करोड़ OTT सब्सक्राइबर्स हैं। इस वक्त देश में कुल 57 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स हैं जिनमें डिज्नी+हॉटस्टार भारत का टॉप OTT प्लेटफॉर्म है। इसका 41% मार्केट पर कब्जा है।
हालांकि इन 57 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के अलावा देश में कई छोटे OTT प्लेटफॉर्म भी मौजूद हैं। यह प्लेटफॉर्म क्या दिखाते हैं यह तभी सुर्खियों में आता है जब इनसे जुड़ी कोई शिकायत दर्ज होती है।
KPMG (क्लिनवेल्ड पीट मारविक गोएर्डेलर) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2016 से 2020 के दौरान ओटीटी पर पोर्नोग्राफिक यानी अश्लील कंटेंट 1200% से ज्यादा बढ़ा। इस दौरान कई छोटे प्लेटफॉर्म ‘इरोटिक कंटेंट’ के नाम पर पोर्न परोसते रहे और बेचते रहे।
OTT पर बोल्ड कंटेंट परोसने वाले प्लेटफॉर्म्स की पॉपुलैरिटी का अंदाजा ULLU ऐप की सफलता से लगाया जा सकता है। इस ऐप को 2018 में लॉन्च किया गया था। लॉकडाउन के शुरुआती दो महीनों में ही बोल्ड कंटेंट की बदौलत ऐप की ग्रोथ 250% तक बढ़ गई थी।
लॉकडाउन में मिला सबसे ज्यादा बढ़ावा
2020 के लॉकडाउन में जब OTT प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा दिया गया, उसी दौरान अल्ट बालाजी, एमएक्स प्लेयर और उल्लू ऐप जैसे OTT प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट की बाढ़ आ गई।
न्यूज पोर्टल लेट्स ओटीटी की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई 2020 में एक एडल्ट कॉमेडी शो के लिए सर्वाधिक स्ट्रीमिंग (1.1 करोड़ ) एक दिन में ऑनलाइन ओटीटी प्लेटफॉर्म मैक्स प्लेयर पर की गई।
इस रिपोर्ट के अनुसार अल्ट बालाजी की मई 2020 की व्यूअरशिप में 2019 की तुलना में 60% इजाफा हुआ। 2020 में इसके मंथली एक्टिव यूजर्स भी 21% बढ़े। इस ओटीटी पर एडल्ट कंटेंट ज्यादा है।
1 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड्स, 32 लाख से ज्यादा फालोअर्स
हाल ही में जिन 18 OTT ऐप्स को सरकार ने बैन किया है उनमें से एक ऐप को 1 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड मिल चुके हैं। हालांकि इसका नाम नहीं बताया गया। वहीं दो अन्य ऐप को गूगल प्ले स्टोर पर 50 लाख से ज्यादा डाउनलोड मिले हैं।
इसके अलावा इन ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने दर्शकों को अपनी वेबसाइट्स और ऐप्स की तरफ अट्रैक्ट करने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का भी यूज किया। इन सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कुल मिलाकर 32 लाख से अधिक यूजर्स हैं।
साइकेट्रिस्ट के नजरिए से समझिए बच्चों और साेसाइटी पर इस तरह के कंंटेंट का असर…
इस बारे में जब भास्कर ने भोपाल के साइकेट्रिस्ट डॉ. प्रीतेश गौतम से बात की तो उन्होंने कहा कि वेब सीरीज और ओटीटी पर जिस तरह का अश्लील कंटेंट पेश किया जा रहा है, उससे बच्चों और यूजर्स पर 3 नेगेटिव असर पड़ रहे हैं…
पहला असर- बच्चों में बढ़ती है इंपल्सिविटी
ओटीटी के कंटेंट में वल्गैरिटी, न्यूडिटी और ड्रग एब्यूज को इतना ग्लैमराइज किया जाता है कि बच्चों को लगता है कि बस यही जिंदगी है। इसे देखकर बच्चे इंपल्सिव होते जा रहे हैं, जो सोसाइटी के लिए नुकसानदेह है। बच्चों का सोशल सर्कल भी खत्म होता जा रहा है।
दूसरा असर- होते हैं कई साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर
ओटीटी पर दिखाया जाने वाला कंटेंट बहुत एडिक्टिव होता है। एक एपिसोड खत्म होने के बाद यूजर को दूसरा एपिसोड देखने की तीव्र इच्छा होती है। इसे साइकोलॉजी की भाषा में कहते हैं कंपल्शन। कई यूजर्स पूरी रात स्ट्रीम करते हुए निकाल देते हैं। ऐसे में जब उनकी नींद पूरी नहीं होती तो उसके चलते उनको दूसरे साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर हो जाते हैं।
तीसरा असर- सोशल मॉरल वैल्यू होती है डाउन
ओटीटी पर जो कंटेंट पेश किया जाता है उसमें एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर, टीचर-स्टूडेंट अफेयर और यहां तक कि फैमिली रिलेशनशिप तक को गलत तरीके से पेश किया जाता है। इन्हें देखने के बाद बच्चों के मन में इन्हें रियल वर्ल्ड में ट्राई करने की इच्छा बढ़ती है। साथ ही इन चीजों को नॉर्मलाइज करते हुए ओटीटी कहीं ना कहीं सोशल मॉरल वैल्यू को भी डाउन कर रहा है।
अब जानिए कैसे शुरू हुआ ओटीटी पर रेगुलेशन…
जहां थिएटर्स में रिलीज होने वाली फिल्मों में पेश किए जाने वाले कंटेंट को CBFC रेगुलरेट करती है, वहीं टीवी और ओटीटी पर पेश किए जाने वाले कंटेंट का रेगुलेशन मिनिस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मेंशन एंड ब्रॉडकास्ट के तहत इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन द्वारा किया जाता है।
हालांकि शुरुआत में ओटीटी के कंटेंट के लिए कोई रूल्स और रेगुलेशन नहीं थे। ऐसे में कई प्लेटफॉर्म्स पर न्यूडिटी और वल्गैरिटी दिखाने के आरोप लगे। इस तरह का कंटेंट मुख्य रूप से सेक्रेड गेम्स, फोर मोर शॉट्स प्लीज, तांडव, पाताल लोक और लस्ट स्टोरीज जैसे शोज में पेश किया गया, जिन पर बाद में विवाद हुआ।
जब सॉफ्ट पोर्न पेश होने लगा तब सरकार ने उठाए कदम
कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2018 से 2024 के बीच कई OTT प्लेटफॉर्म्स ने वेब सीरीज के तौर पर बी-ग्रेड और लो बजट सॉफ्ट पोर्न कंटेंट पेश करना शुरू कर दिया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट ने ओटीटी पर रेगुलेशन के नियम लागू किए। इससे पहले इन OTT ऐप्स को कई बार चेतावनी दी गई थी, इसके बावजूद इनके कंटेंट में किसी तरह का सुधार नहीं पाया गया।
2021 में राज कुंद्रा पर लगे OTT के जरिए पोर्न बेचने के आरोप
देश में OTT और ऐप की आड़ में पोर्न के रैकेट का खुलासा पहली बार 2021 में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा की गिरफ्तारी के बाद हुआ। राज पर ‘हॉटशॉट’ नाम के एक ओटीटी प्लेटफाॅर्म के जरिए पोर्न बेचने के आरोप लगे थे। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वो जमानत पर हैं।
19 जुलाई 2021 को मुंबई पुलिस ने बिजनेसमैन राज कुंद्रा को फिल्में बनाने के इल्जाम में गिरफ्तार किया था।
क्या है ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज रेगुलेशन बिल
इस बिल के मुताबिक ओटीटी, सैटेलाइट केबल टीवी, डीटीएच, आईपीटीवी, डिजिटल न्यूज और करेंट अफेयर्स के लिए भी नए नियम बनाए गए। इस नियम के तहत ओटीटी प्लेटफॉर्म को ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क ऑपरेटर कहा गया और यदि कोई ऑपरेटर या ब्रॉडकास्टर इस बिल के नियमों को नहीं मानता है, तो सरकार उस कंटेंट को संशोधित करने, डिलीट करने या तय घंटों तक ऑफ एयर रहने से लेकर संबंधित प्लेटफॉर्म पर पाबंदी भी लगा सकती है। फिलहाल OTT को IT रूल्स 2021 के अंतर्गत रेगुलेट किया जाता है।
अभी निगरानी के क्या नियम हैं
सरकार ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के कंटेंट की निगरानी इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड रूल्स, 2021 के जरिए करती है। इसके नियमों के मुताबिक ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को अपने कंटेंट का क्लासिफिकेशन, ऐज रेटिंग और सेल्फ रेगुलेशन का खुद पालन करना होता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो इस एक्ट की धारा 67, 67A और 67B के तहत सरकार पेश किए जा रहे आपत्तिजनक कंटेंट को ब्लॉक कर सकती है।
अब तक हुई सरकार की कार्रवाई
- कई वेब साइट्स और ओटीटी प्लेटफाॅर्म्स को साइबर क्राइम ब्रांच ने अश्लील कंटेंट पेश करने के चलते बैन किया।
- समय-समय पर ऐसे कई प्लेटफॉर्म के ओनर्स गिरफ्तार भी किए गए और उनके बैंक अकाउंट्स फ्रीज किए गए।
- 27 जून 2023 को DPCGC ने उल्लू ऐप पर स्ट्रीम हो रहे कंटेंट पर आपत्ति जताई थी। साथ ही 15 दिनों के अंदर इस ऐप पर पेश किए जा रहे कंटेंट से सभी एडल्ट सीन हटाने का भी आदेश दिया था।
अब जानते हैं देश में कब और कैसे हुई OTT की शुरुआत…
देश में OTT की शुरुआत 2008 में हुई थी। पहला डिपेंडेंट ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘बिगफ्लिक्स’ था। इसे रिलायंस एंटरटेनमेंट ने साल 2008 में रिलीज किया था। इसके बाद 2010 में डिजिवाइव ने ‘नेक्सजीटीवी’ नाम से इंडिया का पहला ओटीटी मोबाइल ऐप लॉन्च किया।
2008 में लॉन्च हुआ बिग फ्लिक्स देश का पहला ओटीटी प्लेटफॉर्म था।
आईपीएल की लाइव स्ट्रीमिंग ने बढ़ाई लोकप्रियता
2013 और 2014 में नेक्सजीटीवी, आईपीएल मैचों की लाइव स्ट्रीमिंग करने वाला पहला ऐप बना। इसके बाद 2015 में आईपीएल की लाइव स्ट्रीमिंग ने ही हॉटस्टार (जो अब डिज्नी+हॉटस्टार है) को देश का सबसे लोकप्रिय ओटीटी प्लेटफॉर्म बनाया।
2013 में टीवी शोज भी ओटीटी पर आए
2013 में डिट्टो टीवी और सोनी लिव जैसे ऐप भी लॉन्च हुए जिन्होंने स्टार, सोनी, वायकॉम और जी जैसे चैनल्स पर प्रसारित किए जाने वाले शोज भी ओटीटी पर स्ट्रीम करने शुरू कर दिए। इसके बाद दर्शकों ने बड़े पैमाने पर इन ओटीटी ऐप्स को डाउनलोड करके मनमर्जी से किसी भी वक्त अपने फेवरेट शोज देखना शुरू कर दिए।
कोरोना काल में आया हाई जम्प
2020 में कोराेना काल के शुरुआती तीन महीने में भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को 2019 के अंतिम तीन महीनों के मुकाबले 13% ज्यादा व्यूज मिले। पहले लॉकडाउन के दौरान जी-5 के सब्सक्राइबर सबसे ज्यादा 80% बढ़े, वहीं अमेजन प्राइम को 67% नए यूजर्स ने सब्सक्राइब किया।
इन्वेस्ट इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना काल में अमेजन प्राइम, नेटफ्लिक्स और डिज्नी प्लस हॉटस्टार जैसे ओटीटी प्लेफॉर्म्स पर यूजर्स का टाइम स्पेंड 82.63% बढ़ा। इसी दौरान यू-ट्यूब जैसे फ्री एक्सेस प्लेटफॉर्म पर देश के लोगों ने 20.5% ज्यादा समय खर्च किया।
2018 तक भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का मार्केट 2150 करोड़ रुपए का था। 2019 के अंत में ये बढ़कर 2185 करोड़ रुपए का हो गया। यानी सिर्फ एक साल में 35 करोड़ का इजाफा।
2020 में रिलीज हुई अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना स्टारर फिल्म ‘गुलाबो सिताबो’ 12 जून को प्राइम वीडियोज पर वर्ल्डवाइड रिलीज हुई थी।
‘गुलाबो-सिताबो’ थी ओटीटी पर रिलीज होने वाली पहली बड़ी फिल्म
कोविड के दौरान ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई पहली सबसे बड़ी फिल्म अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना स्टारर ‘गुलाबो-सिताबो’ थी। इसके बाद सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ रिलीज हुई जिसे मात्र 3 दिनों में 7.5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखा।
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अश्लील कंटेंट दिखाने वाले 18 OTT प्लेटफॉर्म बैन:सरकार ने 19 वेबसाइट, 10 ऐप और 57 सोशल मीडिया हैंडल भी ब्लॉक किए
केंद्र सरकार ने गुरुवार को अश्लील कंटेंट प्रसारित करने वाले 18 OTT प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिया। इसके साथ 19 वेबसाइट्स, 10 ऐप्स और 57 सोशल मीडिया हैंडल्स भी ब्लॉक कर दिए हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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